×







We sell 100% Genuine & New Books only!

25 Priya Kahaniya at Meripustak

25 Priya Kahaniya by Munshi Premchand, Vayu Education Of India

Books from same Author: Munshi Premchand

Books from same Publisher: Vayu Education Of India

Related Category: Author List / Publisher List


  • Price: ₹ 260.00/- [ 0.00% off ]

    Seller Price: ₹ 260.00

Estimated Delivery Time : 4-5 Business Days

Sold By: Meripustak      Click for Bulk Order

Free Shipping (for orders above ₹ 499) *T&C apply.

In Stock

We deliver across all postal codes in India

Orders Outside India


Add To Cart


Outside India Order Estimated Delivery Time
7-10 Business Days


  • We Deliver Across 100+ Countries

  • MeriPustak’s Books are 100% New & Original
  • General Information  
    Author(s)Munshi Premchand
    PublisherVayu Education Of India
    ISBN9788194308171
    Pages284
    LanguageHindi
    Publish YearFebruary 2021

    Description

    Vayu Education Of India 25 Priya Kahaniya by Munshi Premchand

    मुंशी प्रेम चंद का जनम बनारस के निकटल महीगांव में सन 31 jul 1880 में हुआ था !उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी करने के अपरांत इक्कीस वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था !उन्होंने लिखने की शुरुआत उर्दू भाषा से की !उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का प्रथम संकलन 'सोजेवतन' के नाम से प्रकाशित हुआ !प्रेमचंदजी ने सन 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की तथा सन 1930 से 'हंस' नामक एक ऎतिहासिक पत्रिका का सम्पादन भी किया !उन्होंने अपने जीवन काल में कई कहानियाँ उपन्यास और वैचारिक निबंध लिखे !उनकी रचनाओं में उनकी यही विशेषताये विध्समां हैं ! 8 अक्टूबर 1936 में मुंशीप्रेमचंद का बीमारी कारण निधन हो गया !. Hindi Munshi Premchand 25 Priya kahaniya 140 Vayu education of India 9788194308188 408 522 2.7 21.5 14 2020 मुंशी प्रेम चंद का जनम बनारस के निकटल महीगांव में सन 31 jul 1880 में हुआ था !उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी करने के अपरांत इक्कीस वर्ष की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था !उन्होंने लिखने की शुरुआत उर्दू भाषा से की !उनकी उर्दू में लिखी कहानियों का प्रथम संकलन 'सोजेवतन' के नाम से प्रकाशित हुआ !प्रेमचंदजी ने सन 1923 में सरस्वती प्रेस की स्थापना की तथा सन 1930 से 'हंस' नामक एक ऎतिहासिक पत्रिका का सम्पादन भी किया !उन्होंने अपने जीवन काल में कई कहानियाँ उपन्यास और वैचारिक निबंध लिखे !उनकी रचनाओं में उनकी यही विशेषताये विध्समां हैं ! 8 अक्टूबर 1936 में मुंशीप्रेमचंद का बीमारी कारण निधन हो गया !.



    Book Successfully Added To Your Cart