Description
Modern Publishers Bharat Ki Yuva Pidhi Kaisi Ho (HINDI) by M M Juneja
भारत
के प्राचीन इतिहास के वैदिक काल
में यह देश लंबे
अरसे तक जगद्गुरु की
भूमिका निभाता रहा है कालांतर
में यही देश इस
गरिमा को बरकरार रखने
में असफल हुआ जियो
जियो दिन बीतने लगे
यही देश विदेशी ताकतों
के हमलों का शिकार होने
लगा और एक दिन
तो ऐसा आया जब
यह देश विदेशी शक्तियों
का गुलाम ही हो गया
यदि हम अपनी नजर विश्व
इतिहास पर दौड़ आएंगे
तो पाएंगे कि जितने विदेशी
हमले भारत पर हुए,
इतने शायद दुनिया में
किसी अन्य देश पर
नहीं हुए, अतः प्रश्न
यह उठता है कि
भारत, जहां के निवासी,
जो थे तो आर्य
पर कालांतर में उन्हें विदेशियों
द्वारा प्राय हिंदू कहा गया है
पर विजय प्राप्त करने
के लिए विदेशों से
विभिन्न जातियां क्यों आई?, क्या हिंदुओं
ने अन्य जातियों का
कुछ अनिष्ट किया था?, बल्कि
जहां तक संभव था,
उन्होंने तो संसार का
उपकार ही किया था, उन्होंने संसार संसार को विज्ञान, दर्शन और
धर्म की शिक्षा दी! उन्होंने संसार को अनेक असभ्य जातियों को सभ्य बनाया परंतु उनके
बदले में उनको क्या मिला? - रक्तपात! अत्याचार!! और दुष्ट, 'काफिर' यह शुभ नाम!!!