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Dakshin Asia mai Parmanu Chunauti at Meripustak

Dakshin Asia mai Parmanu Chunauti by Vinod, Highlyy Publishing Llp

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  • General Information  
    Author(s)Vinod
    PublisherHighlyy Publishing Llp
    ISBN9789395522045
    BindingHardBack
    LanguageHindi
    Publish YearJanuary 2023

    Description

    Highlyy Publishing Llp Dakshin Asia mai Parmanu Chunauti by Vinod

    मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसने अपनी उन्नति एवं विकास के अनेक मार्ग तैयार किए हैं। विकास की प्रतिस्पर्धाा में उसने ऐसे रास्ते चुने हैं जो सम्पूर्ण मानव सृष्टि के लिए विनाशकारी हो सकते हैं और उन्हीं में से एक है परमाणु हथियार। सम्पूर्ण विश्वशान्ति को खतरे में डालकर परमाणु युग की शुरूआत अमेरिका ने 1945 में की। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के साथ ही परमाणु दौर का आगाज हुआ। अमेरिका के बाद रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान एवं उत्तरी कोरिया ने अपना परमाणु प्रसार किया। भारत पाकिस्तान के परमाणु सम्पन्न होने से दक्षिण एशिया की परमाणु सपर्दा को गति मिली। पाक-चीन गठजोड के चलते भारत को अपना परमाणु कार्यक्रम तैयार करना पड़ा एवं परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने भी अपना परमाणु कार्यक्रम तैयार किया। इस पुस्तक में पाँच अधयायों में दक्षिण एशिया के सामरिक वातावरण, भारत-पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का विकास एवं दक्षिण एशिया क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव एवं भारत की सुरक्षा पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। विभिन्न तालिका सूची एवं मानचित्र सूची के माधयम से तत्कालीन घटनाओं को समझाने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक विस्तृत रूप से दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों के विकास और उनके प्रभावों पर प्रकाश डालती है। इसके साथ-साथ भारतीय उपमहाद्विप में शान्ति स्थापना की चिन्ताओं का वर्णन करती है।



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