Description
Scientific Publishers Baghwani Faslon Me Samekit Rog-Keet Prabandhan (Hindi) by Singh and S K
“बागवानी फसलों में समेकित रोग-कीट प्रबन्धन” में बागवानी की लगभग सभी महत्त्वपूर्ण समस्याओं के समाधान पर इस प्रकार से प्रकाश डाला गया है कि किसान बागवानी से सम्बन्धित अधिकांश समस्याओं का निराकरण स्वयं कर सकें। प्रस्तुत पुस्तक में नाशकजीवों एवं विकारों के नियंत्रण हेतु समेकित (एकीकृत) प्रबन्धन पर विशेष महत्व दिया गया है। इस पुस्तक में 51 से ज्यादा आलेख सम्मिलित किये गये हैं। सभी प्रमुख बागवानी फसलों में प्रमुख रोग, कीट, सूत्रकृमि, खरपतवार एवं विकार के समेकित प्रबन्धन पर आलेख सम्मिलित किये गये हैं। इसके अतरिक्त अन्य बागवानी विषयों पर भी सामयिक आलेख यथा पुराने बागों का जीर्णेंाद्धार, बाग की देखभाल, पुष्पी पादप परजीवियों का प्रबन्धन, यन्त्रों का रखरखाव, कृषि रसायनों के सम्बन्ध में जानने योग्य बातंे, फलों का फटना, फलों का झड़ना, पोषक तत्व प्रबन्धन, बागवानी में मधुमक्खी पालन, कीटनाशक रसायनों से मधुमक्खी एवं अन्य मित्र कीटों की सुरक्षा, पौधा स्वास्थ्य चिकित्सालय इत्यादि शामिल किये गये हैं।
किसान को उसके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिले इसके लिए आवश्यक है कि रोग, कीट, सूत्रकृमि, खरपतवार एवं विकार द्वारा होने वाली हानि से बागवानी फसलों को बचाया जाय। जीवनाशकों एवं विकार द्वारा हानि 30 से लेकर शत-प्रतिशत तक होती है। उपरोक्त हानि को आसानी से रोका जा सके, जिसके लिए अनेक फसल सुरक्षा तकनीक उपलब्ध हैं। बागवानी फसलों में नाशकजीवों (रोग, कीट, सूत्रकृमि एवं खरपतावर) और विकार द्वारा होने वाली हानि को यदि कम कर दिया जाए तो उपज के साथ-साथ गुणवत्ता में भी भारी वृद्धि की जा सकती है, जिसकी वजह से हमारा भोजन संतुलित एवं प©ष्टिक होगा। इस विषय पर अभी तक उच्च स्तरीय विषय सामग्री राष्ट्रभाषा हिन्दी में उपलब्ध नहीं थी, अतः इसकी आवश्यकता को देखते हुए, उत्पादकों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तथा राष्ट्रभाषा हिन्दी की सेवा भावना से प्रेरित होकर इस रचना को हिन्दी में लिखने का प्रयास किया गया है।