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Do Kadam Aur Sahi at Meripustak

Do Kadam Aur Sahi by Rahat Indori and Sachin Chaudhri, Manjul

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  • General Information  
    Author(s)Rahat Indori and Sachin Chaudhri
    PublisherManjul
    ISBN9788183227889
    Pages262
    BindingPaperback
    LanguageHindi
    Publish YearJune 2020

    Description

    Manjul Do Kadam Aur Sahi by Rahat Indori and Sachin Chaudhri

    रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है चाँद पागल है, अँधेरे में निकल पड़ता है उसकी याद आई है साँसों ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता है राहत इंदौरी ने उर्दू शायरी को अवाम में मक़बूल बनाया है, वो अदब के रुख-ओ-रफ़्तार से वाक़िफ़ हैं. - अली सरदार जाफ़री राहत इंदौरी के पास लफ़्ज़ों से तस्वीरकशी कर देने का अनोखा हुनर हैं, में उसके इस हुनर का फैन हूँ. - एम. एफ. हुसैन रा से राम है, रा से राहत है, राम वही है जो राहत दे, जो आहात करता है वो रावण होता है. राहत साहब की शायरी में राहत है, में उनके अंदाज़ को सलाम करता हूँ. - मुरारी बापू डॉ. राहत इंदौरी के कलाम बरजस्तगी, मआनी आफ़रीनी और दौर-ए-हाज़िर का अक्स है. उनका वजूद उर्दू शेर-ओ-सुखन और उर्दू ज़बान के लिए बड़ा क़ीमती तोह्फ़ा है. - दिलीप कुमार राहत इंदौरी के पास अपने युग की साडी कड़वाहटों और दुखों को खुलकर बयां कर देने की बेपनाह ताक़त है, वो बेजान शब्दों को भी छूते हैं तो उनमें धड़कन पैदा हो जाती है. - प्रो. अज़ीज़ इंदौरी राहत ने जीवन और जगत के विभिन्न पहलुओं पर जो ग़ज़लें कही हैं, वो हिन्दी-उर्दू की शायरी के लिए एक नया दरवाज़ा खोलती है. नए रदीफ़, नै बहार, नए मजमून, नया शिल्प उनकी ग़ज़लों में जादू की तरह बिखरा है जो पढ़ने व् सुनने वाले सभी के दिलों पर च जाता है. - गोपालदास नीरजshow more



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