×







We sell 100% Genuine & New Books only!

Manovigyan - Manav Vyavhar Ka Adhyyan 2010 Edition at Meripustak

Manovigyan - Manav Vyavhar Ka Adhyyan 2010 Edition by MISHR, BRAJ KUMAR, PHI Learning

Books from same Author: MISHR, BRAJ KUMAR

Books from same Publisher: PHI Learning

Related Category: Author List / Publisher List


  • Price: ₹ 425.00/- [ 0.00% off ]

    Seller Price: ₹ 425.00

Estimated Delivery Time : 4-5 Business Days

Shipping Charge : Rs. 75.00

Sold By: Meripustak      Click for Bulk Order

Free Shipping (for orders above ₹ 499) *T&C apply.

In Stock

We deliver across all postal codes in India

Orders Outside India


Add To Cart


Outside India Order Estimated Delivery Time
7-10 Business Days


  • We Deliver Across 100+ Countries

  • MeriPustak’s Books are 100% New & Original
  • General Information  
    Author(s)MISHR, BRAJ KUMAR
    PublisherPHI Learning
    ISBN9788120338470
    Pages820
    BindingPaperback
    LanguageHindi
    Publish YearJanuary 2010

    Description

    PHI Learning Manovigyan - Manav Vyavhar Ka Adhyyan 2010 Edition by MISHR, BRAJ KUMAR

    इस पुस्तक में मानव स्वभाव एवं व्यवहार के विविध पक्षों से संबंधित संप्रत्ययों, सिद्धांतों, प्रक्रियाओं एवं जटिलताओं का विस्तृत वर्णन है | यह मानव जीवन की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत करती है | इसमें मनोवैज्ञानिक तथ्यों का विश्लेषण भी दिया गया है तथा आधुनिक मनोवैज्ञानिक अध्ययनों का भी इसमें समावेश है | विषय-वस्तु को सारगर्भित तथा रोचक बनाने के लिए इस पुस्तक में चित्र तथा तालिकाएं भी दी गयी हैं एवं दैनिक जीवन के उदाहरणों तथा प्रसंगो को भी शामिल किया गया है |यह पुस्तक भारतीय विश्वविद्यालयों के मनोविज्ञान विषय के बी. ए. तथा एम. ए. के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर लिखी गयी है | इसके अलावा, यह संघ तथा राज्य लोक सेवा आयोगों की प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी माध्यम से सम्मिलित हो रहे अभ्यर्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है | यह यू. जी. सी. की नेट परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए भी लाभकारी है |प्रमुख विशेषताये :- प्रत्येक अध्याय के प्रारम्भ में अध्याय में वर्णित प्रसंगों की रूपरेखा दी गयी है|- मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के अध्ययन में अभी तक हुई प्रगति की समीक्षा है|- भारतीय सांस्कृतिक विचारों के साथ ही पाश्चात्य सांस्कृतिक विचारों का भी समावेश है|- विविध मनोवैज्ञानिक तथ्यों को सुगम बनाने के लिए विषय वस्तु की विवेचना में क्रमबद्धता है|- प्रत्येक अध्याय के अंत में अध्याय में वर्णित प्रसंगों का सार संक्षेप में दिया गया है |



    Book Successfully Added To Your Cart