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Paryavaran: Civil Seva Prarambhik Evam Mukhya Pariksha Hetu at Meripustak

Paryavaran: Civil Seva Prarambhik Evam Mukhya Pariksha Hetu by D R Khullar and J A C S Rao, McGraw Hill

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Sold By: Meripustak

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General Information  
Author(s)D R Khullar and J A C S Rao
PublisherMcGraw Hill
Edition1st Edition
ISBN9789353163846
Pages432
BindingPaperback
LanguageHindi
Publish YearDecember 2018

Description

McGraw Hill Paryavaran: Civil Seva Prarambhik Evam Mukhya Pariksha Hetu by D R Khullar and J A C S Rao

"यह पुस्तक पर्यावरण के विविध पहलुओं पर एक सटीक एवं ठोस दृष्टिकोण प्रदान करता है ,जो सिविल सेवा परीक्षा तथा यूपीएससी के दिशा निर्देश पर आधारित है। इसकी प्रासंगिकता का दायरा काफी वृहद् है ,जो  पर्यावरण में अहम बदलाव तथा इसके प्रमुख घटकों यथा पारिस्थितिकी , जैव विविधता , आपदा प्रबंधन इत्यादि मुद्दों पर गहन शोध के निष्कर्ष को समाहित करता है। प्राकृतिक आपदाएं एवं आपदा प्रबंधन इस पुस्तक के महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।   

प्रमुख आकर्षण:

1. पुस्तक में संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं के अद्यतन पाठ्यक्रमों को पूरी तरह समायोजित करने का प्रयास 
2. अध्ययन सामग्री के निर्माण में एनसीईआरटी , एनआईओएस, इग्नू तथा अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के महत्वपूर्ण स्रोतों का उपयोग  
3. प्रत्येक अध्याय में परंपरागत तथ्यों के साथ -साथ अद्यतन सामग्री का निश्चित रूप से समावेश 
4. विविध सरकारी कार्यकर्मों ,नीतियों एवं आगामी योजनाओं का सारगर्भित एवं विश्लेषणात्मक विवेचन 
5. प्रत्येक अध्याय के अंत में विगत वर्षों में पूछे गए प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के प्रश्नों एवं मॉडल प्रश्नों का समावेश 
6. पर्यावरण  पर सामान्य मुद्दे : इस क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान
7. पारिस्थितिकी और उसके यौगिक घटकों में परस्पर निर्भरता 
8. पारिस्थितिकीय तंत्र के घटक  अंगों में ऊर्जा का प्रवाह तथा  निरंतर बदलते जैविक एवं अजैविक समीकरणों की भूमिका 
9. जैव विविधता एवं प्रदूषण पर पूर्व एवं हाल हीं की अद्यतन घटनाओं के आधार पर विश्लेषणात्मक विवेचन 
10. प्राकृतिक विपदाएं एवं आपदा प्रबंधन पर शोधित विकास कार्यों का आंकड़ों सहित समायोजन
11. पर्यावरण प्रभाव अवलोकन एवं इसके दूरगामी प्रभाव तथा साथ हीं साथ इनके नैतिक एवं क़ानूनी आयाम  
12. जलवायु परिवर्तन पर शोधित अध्ययन सामग्री 
13. सतत प्रबंधन एवं सतत विकास और इसके महत्वपूर्ण आयाम
14. सरल ,रोचक ,स्पष्ट एवं प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग"

Author Profile

"प्रोफेसर डी. आर. खुल्लर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कालका के पूर्व प्रधानाचार्य हैं। उन्हें लगभग 34 वर्षों तक भूगोल के अध्यापन कार्य का अनुभव है तथा 31 वर्षों तक ये इस विषय के विभागाध्यक्ष भी रहे। इन्होने  पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की। अब तक 40 से अधिक पुस्तकों की रचना कर चुके प्रोफेसर खुल्लर की कुछ पुस्तकें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ,नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित की गयी हैं तथा इनकी पुस्तकें प्रतियोगी परीक्षाओं के अतिरिक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर पर पाठ्य पुस्तकों के रूप में भी प्रयुक्त की जाती हैं।ये विविध भौगोलिक स्थितियों के अध्ययन हेतु 30 से अधिक देशों की यात्रा भी कर चुके हैं तथा विभिन्न समाचार चैनलों एवं रेडियो स्टेशनों के माध्यम से भौगोलिक गतिविधियों पर इनके व्याख्यान आते हीं रहते हैं।  

जे. ए. सी. एस. राव  ने आंध्र  विश्वविद्यालय वाल्टेयर  से जैव रसायन में  स्नातकोत्तर  तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय  GGU बिलासपुर से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर  की उपाधि ग्रहण की।इन्होने 1987  में भारतीय वन सेवा में पद धारण किया। इस दरम्यान इन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला तथा ये इसी राज्य में वन विभाग के विभिन्न पदों पर क्रियाशील रहे  हैं। इन्हें विभिन्न कोचिंग संस्थाओं में पढ़ाने का भी अनुभव है।"


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