Description
Aakar Books Rashtr Par Punarvichar Dakshin Bharat Ke Pariprekshya by M S S Pandian
यह निबंध संग्रह भाषा और पहचान, जाती और सत्ता/शक्ति, धर्म और धर्मनिरपेक्षवाद जैसे विषयों से जूंझता है! इस संग्रह में इन विषयों की पड़ताल, बीसवीं सदी के तमिलनाडु के बरक्स की गयी है! तथापि, ये निबंध तमिल छेत्रिय इतिहास से मात्र अध्याय भर नहीं है! ये लेख सत्त रूप से राष्ट्र के प्रश्न को उठाने के साथ-साथ अपने छेत्रिय आश्रय की चारदीवारी को लांघते हैं व व्यापक महत्व के विषयों को सम्बोधित करते हैं! इन निबंधों का हिंदी अनुवाद पेश करते हुए यह संकलन- एक भाषाई छेत्र जिसका राष्ट्र से अलगाव का एक इतिहास रहा है और एक भाषाई छेत्र जो कि राष्ट्र की प्रभुकल्पना में राष्ट्र का घोतक है - भाषाई छेत्र और राष्ट्र के बिच एक सार्थक बहस की कोशिश करता है!