Description
Aakar Books Rashtravaad Aur Aarthik Vikas by Amit Bhaduri
यह किताब राष्ट्रवाद, आर्थिक विकास और लोकतंत्र पर पुनर्विचार के सूत्र पेश करती है. राष्ट्रवाद के नाम पर फैलाई जा रही बहुसंख्यकवादी सोच और सोच विचार के अन्य तमाम तरीकों को बहिष्कृत करने की कवायद कोई अचानक नहीं उभर आयी है. गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस दरअसल बहुसंख्यकवादी राष्ट्रीय आंदोलन बन गयी थी. वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों को जगह देने का कोई तरीका नहीं ढूंढ पाई, मान लिया गया कि अन्य सामाजिक मसलों को हल करने के साथ ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव को भी ऊँची आर्थिक बढ़त अपने आप मिटा देगी. ऐसा हुआ नहीं है!