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Ashtang Hridayam 1st Edition at Meripustak

Ashtang Hridayam 1st Edition by Sharma And Acharya Vaidya Tarachand , Thieme Medical Publishers

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  • General Information  
    Author(s)Sharma And Acharya Vaidya Tarachand 
    PublisherThieme Medical Publishers
    Edition1st Edition
    ISBN9789390553389
    Pages424
    BindingSoftcover
    LanguageHindi
    Publish YearApril 2021

    Description

    Thieme Medical Publishers Ashtang Hridayam 1st Edition by Sharma And Acharya Vaidya Tarachand 

    पुस्तक की विशेषताएं - 1- सरल हिन्दीटीका। 2- प्रत्येक अध्याय का सारांश। 3- अध्याय की विषय तालिका। 4- अध्याय सम्बन्धी सम्भावित प्रश्न। आचार्य वैद्य ताराचन्द शर्मा, एम.डी. आयुर्वेद, स्वर्गीय पं. रामदत्त जी शर्मा के सुपुत्र मूल नी बिसाऊ, झुन्झुनु (राजस्थान) ने अपना आयुर्वेद अध्ययन वैद्य मुरारि मिश्र जी एवं वैद्य रामकृष्ण जी ढण्ढ के सान्निध्य में कर्माभ्यास करते हुए आयुर्वेदाचार्य उपाधि प्राप्त की। 1968 से 1978 तक जयपुर एवं हरियाणा के विभिन्न महाविद्यालयों में अध्यापन कराते हुए पदार्थ विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान, आयुर्वेद का इतिहास एव द्रव्यगुण विज्ञान आदि विषयों पर पुस्तकों का लेखन किया। 1980 मे पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला से एम.डी. आयुर्वेद की उपाधि प्राप्त कर दिल्ली के मूलचन्द हॉस्पीटल में वरिष्ठ अनुसन्धान अधिकारी के पद पर पं. हरिदत्त जी शास्त्री एवं श्री मुकुन्दीलाल जी द्विवेदी के सान्निध्य में आयुर्वेद विश्वकोश तैयार किया जिसका एक भाग पंचकर्म चिकित्सा विज्ञानाच्य् चौखम्बा से प्रकाशित हो चुका है। 1995 में वैद्य शिव कुमार जी मिश्र पूर्व सलाहकार आयुर्वेद, भारत सरकार के निर्देशन में संकलन कार्य पूर्ण कर मूलचन्द से निवृत्ति लेकर 1995 से, मॉडल आई. हॉस्पीटल लाजपतनगर में अधीक्षक आयुर्वेद विभाग के पद पर कार्य कर रहे हैं। साथ ही स्वतन्त्र चिकित्सा भी कर रहे हैं। आपके लेख लगभग 200 अनेक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं तथा अनेक सेमीनारों में शोधपत्र वाचन भी किये हैं। आप दिल्ली के जाने माने सिद्ध हस्त नाड़ी चिकित्सक है। आपकी 35 पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी है। केन्द्रीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान संस्थान की पांच पुस्तकों का वैद्य मनोरमा, अभिनव चिन्तामणि, बृहंत योग तरंगिणी, रसमंजूषा वैद्यक संग्रह का हिन्दी अनुवाद किया है। विगत 40 वर्षों से आप आयुर्वेद छात्रें में लेखक के रूप में प्रसिद्ध व्यक्तित्व के धनी है। आपको अनेक संस्थानों से अनेक मानद उपाधियां, शताब्दी महर्षि, राजस्थान श्री, आयुर्वेद विश्व गौरव, आयुर्वेद महाप्राण प्राप्त की। रा.आयु. विद्यापीठ से रत्न सदस्यता (फैलो) प्राप्त की। वर्तमान में हमारे प्रकाशन से बी.ए.एम.एस. प्रश्नोत्तरी प्रथम भाग प्रकाशित हो चुके है तथा प्रश्नोत्तरी II, III, IV प्रकाशाधीन है। वर्तमान में आप राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ दिल्ली के राष्ट्रीय गुरु एवं महासम्मेलन के मन्त्री है। डा. राकेश पवार एम.डी., पी.एच.डी. आयुर्वेद शिक्षा के क्षेत्र में जाने माने काय चिकित्सा के प्रोफेसर है। वर्तमान में डी.जे. आयुर्वेद मेडिकल कालेज (मोदीनगर) में प्राचार्य पद पर कार्यरत है। इससे पूर्व भी रोहतक, जालन्धर एवं मेरठ के आयुर्वेद महाविद्यालयों में प्राचार्य पद पर रह चुके हैं।.



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